मेरी कहानी – जनता की तकलीफ़ से जनता की सेवा तक
रामलखन शुक्ल, भावी नगरसेवक – प्रभाग 11, भायंदर
भायंदर के प्रभाग 11 में पले-बढ़े होने के नाते, मैंने हमेशा अपने क्षेत्र की समस्याएँ करीब से देखी हैं।
हर सुबह जब लोग काम पर निकलते थे, तो एक और संघर्ष शुरू होता था —
शौचालय की कमी और अनियमित पानी सप्लाई की वजह से होने वाली परेशानियाँ।
कई परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते देखा।
माँ-बहनों को सुबह-सुबह पानी भरने के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता था,
बच्चों को स्कूल देर से पहुँचना पड़ता था,
और कई इलाकों में स्वच्छता की कमी से बीमारियाँ फैलती थीं।
इन हालातों को देखकर मन विचलित हो गया।
तभी मैंने ठान लिया —
अब बदलाव ज़रूरी है, और ये बदलाव हम सब मिलकर लाएँगे।
मैंने प्रण लिया है कि जब जनता मुझे अवसर देगी,
तो मेरा पहला वादा और पहला कार्य होगा —
हर घर तक नियमित पानी पहुँचाना और
हर क्षेत्र में स्वच्छ, सुरक्षित सार्वजनिक शौचालय बनवाना।
मेरा लक्ष्य है कि भायंदर का कोई भी परिवार अब पानी या शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान न हो।
यह सिर्फ एक वादा नहीं,
यह मेरी शपथ है — जनता की सुविधा ही मेरी सेवा है।
“बदलाव की शुरुआत वहीं से होती है, जहाँ कोई समस्या को अपनी जिम्मेदारी मान लेता है।”
मैं, रामलखन शुक्ल, यही जिम्मेदारी लेकर आगे बढ़ा हूँ —
भायंदर को एक स्वच्छ, स्वस्थ और सम्मानजनक जीवन देने के लिए।

